पालघर में बारिश बनी आफत: जानिए कौन-कौन से गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
पालघर में बारिश बनी आफत: जानिए कौन-कौन से गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
पालघर जिला, महाराष्ट्र का एक तटीय और आदिवासी बहुल क्षेत्र, इस मानसून में भारी बारिश की चपेट में आ गया है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। जिले के धनसार, सफला, केलवा, बोईसर और अन्य कई गांवों में जलभराव, ट्रैफिक जाम, बिजली बाधित और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
⛈️ बारिश का रफ्तार और आंकड़े
मौसम विभाग के अनुसार, पालघर जिले में 24 घंटे में औसतन 150 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। धनसार, वाडा, तलासरी, और जव्हार तहसील में सबसे अधिक पानी गिरा, जिससे निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
📍 सबसे ज्यादा प्रभावित गांव
1. धनसार गांव
धनसार गांव में सड़कें जलमग्न हो गई हैं। नालों का पानी घरों में घुस चुका है और लोग अस्थायी जगहों पर रहने को मजबूर हैं। यहां की छोटी दुकानों को भी भारी नुकसान हुआ है।
2. सफला और आसपास के क्षेत्र
सफला रेलवे स्टेशन और बस डिपो के पास पानी जमा हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। लोकल ट्रेनों की गति धीमी हो गई है और बस सेवा प्रभावित है।
3. केलवा और समुद्री किनारे वाले गांव
केलवा बीच के पास समुद्र और बारिश दोनों के प्रकोप से खतरे की स्थिति बनी हुई है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
4. बोईसर शहर
बोईसर के इंडस्ट्रियल एरिया में पानी भरने से फैक्ट्रियों और मजदूरों को नुकसान हुआ है। कामकाज बंद हो गया और कई लोग फंसे हुए हैं।
⚠️ प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
जिला प्रशासन ने NDRF और SDRF की टीमें तैनात की हैं। स्कूल-कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। जिला कलेक्टर ने बारिश से प्रभावित इलाकों में दौरा किया और कहा:
> “हमारी टीमें सक्रिय हैं। लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है। आवश्यक सामग्री जैसे भोजन, पानी, दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं।”
⚡ बिजली और नेटवर्क सेवा प्रभावित
भारी बारिश के कारण कई गांवों में बिजली गुल है। मोबाइल नेटवर्क भी कई जगहों पर पूरी तरह से बंद हो गया है। ग्रामीण इलाकों में टॉवर खराब होने के कारण संपर्क साधना मुश्किल हो गया है।
🚧 सड़कें और यातायात की स्थिति
पालघर-बोईसर, सफला-वाडा, और मनोर-विक्रमगढ़ रोड पर पानी का बहाव इतना तेज है कि कई वाहन फंस गए हैं। बाइक और छोटी गाड़ियाँ बह जाने की खबरें सामने आई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना जरूरत घरों से बाहर न निकलें।
🏥 स्वास्थ्य सेवाएं और बीमारियों का खतरा
भारी बारिश के बाद जलजनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड का खतरा बढ़ गया है। पालघर जिला अस्पताल और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों की टीम गांव-गांव पहुंचकर चेकअप कर रही है।
🌾 किसानों की चिंता – फसलें बर्बाद
पालघर जिले में आदिवासी किसान भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। धान की फसल डूब गई है और कई खेतों में मिट्टी बह गई है। किसान कहते हैं:
> “सरकार से हमें मुआवजे की उम्मीद है, वरना हमारा गुजारा मुश्किल हो जाएगा।”
📅 आगे के दिन कैसे होंगे? (मौसम अपडेट)
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में और तेज बारिश की चेतावनी दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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✅ निष्कर्ष
पालघर में पानी गिरने ने आम आदमी से लेकर किसान, दुकानदार, मजदूर, और स्टूडेंट्स तक – सभी को प्रभावित किया है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है लेकिन हालात अभी भी गंभीर हैं। सबसे जरूरी है कि लोग सतर्क रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।
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