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29 जुलाई 2025 – आज का दिन पालघर जिले के लिए बारिश की दृष्टि से बहुत भारी रहा।

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पालघर के छोटे-मोटे गांवों में भारी बारिश का असर: जलजमाव, जनजीवन प्रभावित 29 जुलाई 2025 – आज का दिन पालघर जिले के लिए बारिश की दृष्टि से बहुत भारी रहा। जिले के छोटे-मोटे गांवों जैसे कि धनसार, घोलवड, केलवा, सफाले, नालसोपारा, विक्रमगढ़, वाडा, तलासरी, चिल्हार, और अन्य इलाकों में आज सुबह से ही आसमान काले बादलों से ढका रहा और फिर दोपहर के आसपास जबरदस्त बारिश शुरू हो गई। यह बारिश इतनी तेज थी कि गांवों की सड़कों पर नदियों जैसा बहाव नजर आने लगा। गांवों की गलियों में पानी-पानी पालघर के कई छोटे गांवों में गलियों में पानी भर गया। कच्चे रास्तों पर कीचड़ हो गया, जिससे लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो गया। कई जगहों पर ग्रामीणों को अपने घरों के अंदर तक पानी घुसने की शिकायत मिली। घरों के आंगन, खेत और रास्ते – सब पानी में डूब गए। धनसार गांव की महिला मीरा बाई का कहना था, "सुबह तो हल्की फुहार थी, लेकिन दोपहर के बाद ऐसा लगा मानो आसमान ही फट गया हो। पूरा गांव पानी से लबालब भर गया।" फसलें पानी में डूबीं, किसानों की चिंता बढ़ी इन गांवों में मुख्यतः धान, भिंडी, अरहर, और मक्का की खेती होती ह...

तड़वी (पटेल) क्या होता है – श्री कुंदन सिंह वाखला, पिता श्री सोमजी वाखला (गांव कोहिवाव, तहसील भाबरा, जिला अलीराजपुर, मध्यप्रदेश) भारत

तड़वी (पटेल) क्या होता है – श्री कुंदन सिंह वाखला, पिता श्री सोमजी वाखला (गांव कोहिवाव, तहसील भाबरा, जिला अलीराजपुर, मध्यप्रदेश) के संदर्भ में 🔷 प्रस्तावना भारत एक कृषि प्रधान और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है, जहां गांवों की जीवनशैली आज भी परंपरा, रीति-रिवाज और सामाजिक संरचना से जुड़ी हुई है। गांवों में शासन और समाज संचालन की एक पुरानी और प्रभावशाली परंपरा है – ग्राम मुखिया की। मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में, इस पद को "तड़वी" कहा जाता है। कहीं-कहीं इसे पटेल भी कहा जाता है, लेकिन यहां "तड़वी" शब्द ही प्रचलित और मान्य है। इसी परंपरा में, श्री कुंदन सिंह वाखला , पिता श्री सोमजी वाखला , गांव कोहिवाव , तहसील भाबरा , जिला अलीराजपुर (मध्य प्रदेश) के तड़वी हैं। उनका नाम और पद न केवल उनके परिवार का सम्मान बढ़ाता है, बल्कि पूरे गांव के लिए नेतृत्व, न्याय और परंपरा का प्रतीक है। 🔷 तड़वी (पटेल) क्या होता है? "तड़वी" गांव का परंपरागत मुखिया होता है, जिसे गांववाले स्वयं सामाजिक मान्यता देते हैं। यह कोई सरकारी या राजनीतिक पद...

घर बैठे मात्र 200 रुपये में लर्निंग लाइसेंस बनवाने का बेस्ट ऑफर

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घर बैठे मात्र 200 रुपये में लर्निंग लाइसेंस बनवाने का बेस्ट ऑफर  अगर आप दोपहिया या चारपहिया वाहन चलाना सीख चुके हैं और अब लर्निंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो आपके लिए एक सुनहरा मौका है – मात्र 200 रुपये में लर्निंग लाइसेंस बनवाने का बेस्ट ऑफर ! इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह ऑफर कैसे मिलेगा, कहां से मिलेगा, क्या प्रक्रिया है और किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। अगर आप वाहन चलाना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। 🚦 लर्निंग लाइसेंस क्या होता है? लर्निंग लाइसेंस एक अस्थायी ड्राइविंग लाइसेंस होता है जो भारत सरकार या राज्य परिवहन विभाग (RTO) द्वारा दिया जाता है। यह लाइसेंस आपको वैध रूप से वाहन चलाना सीखने की अनुमति देता है, लेकिन इसके दौरान आपके साथ एक प्रशिक्षित लाइसेंसधारी व्यक्ति का होना जरूरी होता है। 🔥 200 रुपये में लर्निंग लाइसेंस ऑफर की खास बातें आजकल कई राज्य सरकारें, विशेष रूप से डिजिटल सेवाएं (CSC) के माध्यम से या सरकारी कैंपों के द्वारा 200 रुपये या उससे कम शुल्क में लर्निंग लाइसेंस बना रही हैं। यह ऑफर खासकर छात्रों, महिलाओं, बेरोजगार यु...

अनाथ बच्चों को प्रतिमाह मिलेंगे ₹4000 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना

अनाथ बच्चों को प्रतिमाह मिलेंगे ₹4000 फॉर्म भरने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें  mpwcdmis.gov.in 🧾 जरूरी कागज दस्तावेज़ की सूची: आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र पासपोर्ट साइज फोटो माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि हो) बैंक पासबुक की कॉपी CWC का प्रमाणपत्र आवेदन पत्र (भरा हुआ) मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना उन बच्चों के लिए है जो अनाथ हैं या जिनके माता-पिता नहीं हैं और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी सरकार ने ली है। यहां इस योजना की पूरी जानकारी सरल हिंदी में दी गई है: 🧒 मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद  योजना – संपूर्ण विवरण 🔹 योजना का नाम : मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना 🔹 शुरुआत : मध्यप्रदेश सरकार द्वारा, महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत 🔹 उद्देश्य : अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा, जीवन यापन और आत्मनिर्भरता के लिए आर्थिक सहयोग देना उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ना सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ना 🎯 लाभार्थी कौन हैं? इस...